जरूरतमन्दों की मदद, असहाय गरीबों की सेवा मेरे राजनीति व सामाजिक जीवन का धेय: गरिमा*
*जरूरतमन्दों की मदद, असहाय गरीबों की सेवा मेरे राजनीति व सामाजिक जीवन का धेय: गरिमा*
*--सभापति पद पर अवैध तरीके से हटाने वाले षड्यंत्रकारियों को दी अपनी निःस्वार्थ समाज सेवा रोकने की चुनौती*
*--निजी कोष से लाखों खर्च कर के अपनी समाजसेवा व राजनीति में सहयोगी परिजनों का जताया आभार*
बेतिया। नगर निगम की निवर्तमान सभापति गरिमा देवी सिकारिया के द्वारा कड़ाके की ठंड व जारी शीतलहर के कहर से शहरी गरीबों को बचाने की पहल एक बार फिर की है। इसके लिए गुरुवार को लाल बाजार स्थित उनके आवासीय परिसर पर पहुंचे डेढ़ हजार से भी ज्यादा जरूरतमंद परिवारों के बीच ब्रांडेड कंपनियों का कम्बल बांटा गया। लाखों रुपये मूल्य के इन कम्बलों को बांटने से करीब एक सप्ताह पहले भी इसी तरह के अपने एक अन्य अभियान में श्रीमती सिकारिया के द्वारा नगर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, विभिन्न चौक चौराहों और फुटपाथों पर ठंड में ठिठुरते सैकड़ों गरीबों के पास खुद ही पहुंच कर सैकड़ो कम्बल बांटने का कार्य कर चुकीं हैं। इसके साथ ही नगर के गॉवरमेंट मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड तथा चार मंजिला भवन पर स्थापित आधे दर्जन अन्यान्य वार्डों में कम कपड़ों में ही ठंड झेलने को अभिशप्त मरीजों तथा उनके सहयोगियों को भी खुद से कम्बल ओढाने का कार्य गरिमा देवी सिकारिया कर चुकीं हैं। आज के अभियान के मौके पर नगर निगम की निवर्तमान सभापति श्रीमती सिकारिया ने कहा कि जरूरतमन्दों की मदद व असहाय गरीबों की सेवा ही उनके सामाजिक राजनीतिक जीवन का धेय है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अपने परिवार के निजी कोष से अपनी समाज सेवा व राजनीतिक यात्रा जारी रखने में निरंतर मेरा सहयोग व धन की पूर्ति करने वाले मेरे परिजनों का भी हृदय से आभारी हूं। क्योंकि उनके ऐसे सहयोग के बिना मेरी यह समाजसेवा कत्तई सम्भव नहीं हो पाती। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभापति के पद मुझे अवैधानिक तरीके से हटाने वाले षड्यंत्रकारियों में इतनी ताकत नहीं है कि मुझे निःस्वार्थ रूप में समाज के जरूरतमंद और व गरीबों की सेवा से रोक सकें। इस मौके पर नवेन्दु चतुर्वेदी, सुमन देवी सिकारिया, अनामिका सिकारिया, हीरालाल पटेल आदि की सहभागिता रही।
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